यह लगभग विश्व भर के लोगों के लिए एक आम समस्या है यह समस्या कभी-कभी जटिल समस्या का रूप भी लेती है। और हमें पता भी नहीं चलता की कब हम इसकी चपेट में आ गए सीने के पीछे पीठ दर्द का होना कोई बहुत ही गंभीर समस्या नहीं है। फिर भी हमें इससे सतर्क रहना चाहिए क्योंकि एक छोटा सा दर्द हमें धीरे-धीरे आगे चलकर असहनीय दर्द और पीड़ा का परिणाम दे सकता है इसलिए हमें जब भी अपने पीठ में दर्द महसूस हो तो उसको अनदेखा नहीं करना चाहिए।
जो इंसान अपने खुद की देखभाल नहीं कर सकता वह अपनी परिजनों का देखभाल कैसे कर पाएगा अगर हम अपने छोटे से दर्द को ठीक नहीं कर पाएंगे तो आगे चलकर अगर हमें कोई बड़ी मुसीबत का सामना करना पड़ेगा तो कैसे करेंगे इसलिए हमें अपने स्वास्थ्य की देखभाल स्वयं करनी चाहिए अपने किसी भी कष्टदाई परेशानियों को अपने परिजनों में शेयर करना चाहिए।
दर्द से प्रभावित होने वाले पीठ क्षेत्र को तीन भागों में वर्गीकृत किया जा सकता है। जिससे हमको पता लगता है। कि हमारे पीठ के किस हिस्से में दर्द महसूस हो रहा है।
1- सर्वाइकल या गर्दन में दर्द।
2- थेरेसिक या मध्य पीठ में दर्द।
3- लम्बर, कोक्सीडिनिया ( टेलबोन या सेक्रल दर्द) या पीठ के निचले हिस्से में दर्द भी कहा जाता है।
पीठ के ऊपरी हिस्से में दर्द
पीठ के ऊपरी हिस्से में दर्द यह सर्वाइकल क्षेत्र है। इस जगह का दर्द रीड की हड्डी या गर्दन को प्रभावित करता है यह गर्दन और कंधे के क्षेत्र में अकड़न और असुविधा जनक दर्द का कारण बनता है। सोते समय गलत शारीरिक मुद्रा में सोना( स्लाउचिंग) सर्वाइकल दर्द के प्रमुख कारण हैं।
मध्यपीठ में दर्द का होना
सर्वाइकल और लम्बर के क्षेत्र के बीच के क्षेत्र को प्रभावित करता है। इससे चिकित्सीय रूप से थेरेसिक दर्द के रूप में भी पहचाना जाता है। और यह कमर दर्द का सामान्य रूप भी है।
पीठ के निचले हिस्से में दर्द का होना
पीठ के निचले हिस्से को चिकित्सीय रूप से लम्बर या कोक्सीडिनिया (टेलबोन या सेक्रल दर्द) भी कहा जाता है। यह लम्बर का क्षेत्र रीढ़ और आसपास के क्षेत्र जैसे नितंब, ऊपरी जांघ और कमर क्षेत्र को प्रभावित करता है। पीठ के निचले हिस्से का दर्द पीठ दर्द से प्रभावित करने वाला सबसे सामान्य दर्जे का दर्द है।
पीठ दर्द किस उम्र में और क्यों होता है?
पीठ का दर्द मनुष्य के जीवन में एक आम स्वास्थ्य समस्या है। जो हर उम्र में हो सकता है। लेकिन ज्यादातर बुढ़ापे में या महिलाओं के प्रेग्नेंट होने के बाद यह समस्या बार-बार आती है। हार्ड वर्क करने से भी पीठ दर्द की स्वास्थ्य समस्या हो सकती है। वैसे देखा जाए 18 वर्ष की आयु से पहले यह समस्या कम आती है। इस उम्र में पीठ का दर्द होने का कारण गलत मुद्रा और खराब जीवन शैली है।
पीठ दर्द की स्वास्थ्य समस्या महिलाओं में अधिकतर होती है। प्रेग्नेंट महिलाओं में इस समस्या की शिकायत अक्सर होती है। अगर किसी भी उम्र में आपको पीठ दर्द की समस्या होती है। तो इसकी अनदेखी कभी ना करें। और समय पर ही इसका इलाज करें। ज्यादातर मरीज पीठ दर्द को सीरियसली नहीं लेते हैं। और इसको आमदर्द समझकर अनदेखा करते रहते हैं। जिसके परिणाम स्वरूप पीठ दर्द की समस्या अधिकतम मरीजों में गंभीर समस्या का रूप ले लेती है। जिससे उनको काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। और आर्थिक तथा शारीरिक तौर पर उनको नुकसान उठाना पड़ता है। जबकि ऐसा नहीं करना चाहिए। अगर हम किसी भी स्वास्थ्य समस्या की शुरुआती समय में देखभाल वह इलाज कराएंगे तो हमें ज्यादा परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा।
इसलिए अगर पीठ दर्द या अन्य कोई भी शारीरिक स्वास्थ्य समस्या हो तो हमको अपने परिजनों से खुलकर बात करनी चाहिए। अपने अनुभव से उस समस्या से सबको अवगत कराना चाहिए। और अपने घरेलू डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। आपका जीवन अनमोल है। आतः किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य समस्या को अनदेखा न करें। और समय पर उसका इलाज करें।
पीठ दर्द में गंभीरता।
पीठ दर्द के कई कारण है। सभी पीठ दर्द में लगभग 98% पीठ दर्द में कोई गंभीर चिकित्सीय समस्या नहीं होती है। जबकि 2% से कम पीठ दर्द में गंभीर संक्रमण और मेटास्टैटिक कैंसर के कारण होते हैं।
हमारे शरीर में समय अनुसार बदलाव होते रहते हैं। अगर हम सतर्क है। तो यह बदलाव कुछ कम होते हैं। लेकिन अगर हम लापरवाही का संकेत देते हैं। तो यह बदलाव हमारे पीठ दर्द का कारण बनते हैं। जो इस प्रकार हैं।
मोटापा (अधिक वजन)
अधिक मोटापा हमारे शरीर में कई प्रकार की बीमारियों को दावत देता है। जिसमें पीठ का दर्द भी शामिल है। वैसे तो मोटापा कमर दर्द का मुख्य कारण है। हमें अपने वजन का ख्याल रखना चाहिए किसी भी चीज की अधिकता नुकसान देह होती है। हमें अपने शरीर को सुडौल रखना चाहिए मोटा होना बहुत से लोगों का शौक भी होता है। लेकिन यह सही नहीं है। स्वास्थ्य के लिए सुडौल शरीर ही सही है। अगर आपके शरीर में मोटापा कुछ ज्यादा है। तो उस पर ध्यान दें ध्यान न देने की स्थिति में या पीठ दर्द का कारण बन सकता है।
मोटापा कम करने के लिए अपने भोजन में बदलाव करें सुबह के समय जल्दी उठे, मॉर्निंग वॉक पर जाएं, व्यायाम करें, तथा योगा और जिम जॉइन भी कर सकते हैं। ऐसा करने से आपका मोटापा कम होगा और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से छुटकारा भी मिलेगा।
गर्भावस्था।
सीने के पीछे पीठ में दर्द का कारण गर्भावस्था भी है। गर्भावस्था के दौरान शरीर में कुछ हार्मोनल बदलाव होते हैं। गर्भावस्था के दौरान वजन भी बढ़ जाता है। और कुछ अंगों में परिवर्तन नजर आने लगता है। परिवर्तन हार्मोनल बदलाव के कारण होते हैं। वजन बढ़ने से एपिड्यूरल इंजेक्शन के कारण पीठ दर्द एक सामान्य स्वास्थ्य घटना है।
इस तरह के दर्द के लिए गर्भावस्था के दौरान दवा लेना उचित नहीं है। इस अवस्था में अगर आपको पीठ दर्द है। तो पीठ दर्द के लिए फिजियोथैरेपी पीठ दर्द से छुटकारा पाने के लिए सबसे सुरक्षित तरीका माना जाता है।
हमारी दिनचर्या में शारीरिक मुद्रा के कारण पीठ दर्द।
भाग दौड़ भरी जिंदगी में पीठ दर्द का होना एक आम समस्या है। जो आपको कभी भी और किसी भी समय महसूस हो सकती है। हम अपने कार्यों में व्यस्त रहते हैं। और हमे पीठ दर्द महसूस भी होता है। जैसे की लंबे समय तक गाड़ी चलाना, किसी जरूर बस लंबे समय तक खड़े रहना या बैठे रहना अपने जीवन में हम ऐसा कार्य करने से बच नहीं सकते ऐसी स्थिति में हमें पीठ दर्द महसूस होता है।
इस तरह के पीठ दर्द के लिए फिजियोथैरेपी को सुरक्षित रूप से इस्तेमाल किया जा सकता है और यह सही भी है।
बैक स्ट्रक्चर संबंधित प्रॉब्लम।
उभरा हुआ डिस्क, टूटी हुई डिस्क तथा रीढ़ की असामान्य वक्रता, सटिका, गठिया, ऑस्टियोपोरोसिस या किडनी में संक्रमण और पथरी के कारण भी कष्टदाई रूप से असहनीय पीठ दर्द हो सकता है।
ऐसी स्थिति में मरीज को बहुत ही सावधान रहना चाहिए और अपने घरेलू डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए उनके परामर्श अनुसार उचित इलाज करना चाहिए क्योंकि ये मामूली दर्द नहीं होते इस तरह के पीठ दर्द के इलाज में सावधानी बरतनी चाहिए।
तनाव
सीने के पीछे पीठ में दर्द लिगामेंट और तनाव ग्रस्त मांसपेशियों में ऐंठन और गिरने संबंधित मांसपेशियों मे चोटें भी असहनीय पीठ दर्द का कारण बनती हैं।
पीठ का दर्द भारी सामान उठाने, अनुचित शारीरिक घुमाओ तथा अचानक हुआ शारीरिक मोमेंट के कारण भी होता है।
ऐसे दर्द का इलाज आप आयुर्वेदिक तथा फिजियोथैरेपी के द्वारा पीठ दर्द का इलाज आप घर पर भी कर सकते हैं।
पीठ दर्द से कैसे छुटकारा पाएं।
पीठ दर्द से छुटकारा पाने के लिए कुछ सलाह आपको दी गई है जिनका पालन करके पीठ दर्द से छुटकारा पाया जा सकता है जो इस प्रकार हैं।
- अपने दिनचर्या में व्यायाम को शामिल करें सुबह के समय जल्दी उठकर कम से कम आधे घंटे का व्यायाम आपको पीठ दर्द से छुटकारा दिला सकता है।
- योगा करें योगा करने से शारीरिक एवं मानसिक शक्ति का संचार होता है। योगा करने से भी आपका पीठ दर्द ठीक हो जाएगा।
- पीठ दर्द से छुटकारा पाने के लिए कैल्शियम तथा विटामिन डी युक्त आहार लें इससे आपको पीठ दर्द से छुटकारा पाने में मदद मिलेगी।
- लंबे समय तक न हीं खड़ा रहे तथा लंबे समय तक न हीं बैठे आपकी दिनचर्या में अगर ऐसा समय आता है। तो इस पर थोड़ा ध्यान दें। इससे आपकी पीठ दर्द की समस्या महसूस नहीं होगी।
- भारी सामान को ना उठाएं अगर उठाने की जरूरत पड़ी तो किसी दूसरे व्यक्ति का सहयोग भी लेना चाहिए।
- अगर आप अपनी गाड़ी खुद चलते हैं। तो लंबी ड्राइव से परहेज करें। अगर लंबी ड्राइव करनी पड़े तो बीच-बीच मे स्टॉप जरूर लेना चाहिए।
- सोने में गद्देदार बिस्तर का प्रयोग करें सीधा सोने का प्रयास करें।
- ऊंचे हिल वाले जूते एवं सैंडल पहने यह पीठ दर्द में राहत देने के लिए सहायक रहते हैं।