वैसे तो गोभी कई प्रकार की होती है। जैसे की हरी गोभी, पात गोभी, फूल गोभी, यादि लेकिन आज हम फूलगोभी का पौधा कैसे तैयार किया जाता है। उसके बारे में बताएंगें सबसे पहले आपको यह जानना जरूरी है की फूलगोभी हर प्रांत में अलग-अलग समय पर उगाई जाती है। ठंड वाले इलाके में लगभग 15 जून के बाद ही फूल गोभी की रोपाई शुरू की जाती है।
वहीं गर्मी वाले राज्यों में इसका और ही समय है ईसलिए हम जानेंगे की ठंड वाले इलाके में फूलगोभी का पौधा कैसे तैयार करें। पौध तैयार करने से पहले हमें जरूरत होती है मिट्टी तैयार करने की और मिट्टी तैयार करने के लिए सबसे पहले मिट्टी को थोड़ा सूखने दें ।उसके बाद तीन चार बार निराई गुणी का काम करें । मिट्टी को पूरी तरह बारीक करना उसके बाद उसमें नमी की मात्रा को अच्छी तरह से जांच लें। नमी की मात्रा कम नहीं होनीं चाहिए नमी लगभग 60 से 70% तक होनी चाहिए और मिट्टी आपस में चिपकनी नहीं चाहिए क्योंकि हमें बीज मिलाते समय कोई परेशानी ना हो अगर मौसम बरसात का है तो हमें मिट्टी को सतह से थोड़ा ऊंचा करना चाहिए ताकि बारिश का पानी पौधे वाली जमीन पर ना जा पाए इससे क्या होता है। कि अगर बारिश आ भी गया तो भी हमारा पौधा खराब नहीं होता है सतह से लगभग 6 इंच मिट्टी को ऊंचा करें ऐसा केवल बारिश के मौसम में करें। वह भी अगर पानी की संभावना है। तब अगर पानी की संभावना न हो तो ऐसा ना करें। मिट्टी में कीटनाशक थोड़ी मात्रा में अवश्य मिला दें ताकि उसके अंदर के कीड़े मर जाएं।कीटनाशक मिलाने के एक दिन बाद उस जगह पर बीज का छिड़काव करें। याद रहे की आपको जितनी पौधों की आवश्यकता है उसी के हिसाब से जगह बनाएं ज्यादा जगह ना बनाएं क्योंकि फूल गोभी का पौधा बड़ा ही नाजुक होता है। और इसको ऊपर से भी जालीदार टाट पट्टी से झोपड़ी नुमा छाजा बनाना पड़ता है ऐसा इसलिए किया जाता है क्योंकि बारिश की बूंदे सीधे पौधे पर ना पड़े या सूर्य की किरणें सीधे तौर पर पौधे पर ना पड़े इन दोनों के पढ़ने से पौधा खराब हो जाता है। अब आपको यह तय करना है कि आप कौन से महीने में होने वाली फूल गोभी का पौधा तैयार करना चाहते हैं ऐसा मैं इसलिए बोल रहा हूं क्योंकि फूलगोभी का पौधा अलग-अलग महीने में अलग-अलग तरीके से तैयार होता है। जैसे इसका नाम कार्तिकी अगहनी पूसी फागुनी यादिहै। आप किस महीने में तैयार होने वाली फूलगोभी का पौधा उगाना चाहते हैं। यह आपको बीज भंडार वाले से बीज लेते समय बताना होगा ताकि वह आपको गलत बीज न दे। अब आप बीज भंडार से बीज लेंगे और अपनी बनाई हुई मिट्टी पर जैसा कि मैंने बताया है उसे मिट्टी पर उसका बराबर छिड़काव करेंगे उसके बाद उसे अच्छी तरह से मिलायेंगे मिलाने के बाद मिट्टी को एकदम बराबर कर देंगे और ऊपर से हल्का दबा भी देंगे ऐसा इसलिए क्योंकि अंदर की नमी ना निकले ऐसा करने के बाद आप किसी जालीदार टाट पट्टी से उसको अच्छी तरह से ढक देंगे उसके बाद आप दूसरे दिन उस टाट पट्टी को हटा देंगे तीसरी सुबह आप देखेंगे की आपका पौधा हल्का-हल्का निकल रहा हैं। गोभी का पौधा बड़ा ही कोमल होता है इसलिए उसका छज्जा आप तत्काल बना लेंगे। और उसको जमीन तक अच्छी तरह से लगा देंगे आपको बता दें कि आप ऐसा छज्जा नहीं लगाएंगे जैसे कि सूर्य की किरणें पौधे तक ना पहुंच पाए हम छज्जे इसलिए लगते हैं। ताकि सूर्य की किरणें सीधे पौधे तक ना जाए इस पौधे को आपको प्रतिदिन गौर से देखना होगा क्योंकि इसमें बीमारियां भी बहुत लगतीं हैं। और गोभी का पौधा मीठा होता है। इसलिए इसमें कीड़े भी अधिक लगते हैं। अगर ऐसी कोई समस्या है तो आप कीट रसायन बेचने वाले दुकानदार से सलाह लेकर उस पर छिड़काव कर सकते हैं।ऐसा मैं इसलिए बता रहा हूं क्योंकि उस पर कौन सी बीमारी लगेगी और कौन सी दवा में बताऊंगा शायद ऐसा संभव नहीं हैं । अगर किसी प्रकार की बीमारी पौधे में लगती है तो आप कीटनाशक व रासायन बेचने वाल से संपर्क करें और 10 दिन से पहले आप पौधे पर छिड़काव ना करें ।आप कम से कम 25 दिनों तक उसकी देखभाल करते हुए इंतजार करना होगा 25 दिनों के बाद गोभी का पौधा तैयार हो जाता है अगर पौधा ज्यादा पहले तैयार हो गया है ।तो 20 दिन इससे ज्यादा पहले पौधे का तैयार होना नहीं माना जाता है ।20 से 25 दिनों के बाद ही पौधे को तैयार माना जाता है 20 से 25 दिनों तक इंतजार करने के बाद आपका पौधा तैयार हो जाएगा अब आप जिस जगह पर इसकी रोपाई करना चाहते हैं उस जगह को पूरी तरह निराई गुड़ाई करने के बाद इसकी रोपाई लगभग 1 फीट के अंतराल में कर सकते हैं।