लड़कियों को सबसे ज्यादा दर्द कब होता है यह एक सवाल है आज हम इसके विभिन्न पहलुओं पर लिखना चाहेंगे। एक लड़की जब 16 साल की उम्र में प्रवेश करती है। उसे उस समय उसके शरीर में बदलाव नजर आने लगते हैं। लड़कियों का जीवन लड़कों के अपेक्षा बहुत ही अलग है। लड़कियां बहुत ही भोली होती है।बचपन में यह बहुत ही ईमानदार सत्यवादी और गंभीर होती है। बाद में हमारा समाज जैसे की आस पड़ोस के लोग लड़की के रिश्तेदार उसके मित्र व उसकी सहेलियां उसे अलग दुनिया से अवगत कराती है। कोरे कागज पर कुछ भी लिखकर मिटाया जाए तो भी उसकी छाप धुंधली धुंधली सी रह जाती है। खुलकर बातें करना बहुत कम लड़कियों को आता है। सीधे मुंह जवाब देना भी लड़कियों को नहीं आता है। किसी के बहकावे में आकर या किसी मजबूरी की वजह से जब कोई लड़की अपने कच्ची उम्र में किसी के साथ सेक्स संबंध बनाती है। तो उसे उस समय काफी दर्द का सामना करना पड़ता है।
कच्ची उम्र में शारीरिक संबंध बनाने से
एक लड़की को सबसे ज्यादा दर्द तब महसूस होता है। जब वह अपनी कच्ची उम्र में किसी के बहकावे में आकर या किसी मजबूरी की वजह से किसी के साथ शारीरिक संबंध बनाती है। तब उसकी झिल्ली(हाईमेन) पुरुष के पेनिस के वजाईन में डालने से फट जाती है। वजाईन पहली बार में बहुत टाइट होती है। वजाईन के टूटने से लड़कियों को काफी दर्द होता है। इस उम्र में शारीरिक संबंध बनाने से लड़कियों को काफी दर्द का सामना करना पड़ता है। यह दर्द उनके जीवन में एक बार जरूर आएगा। और यह दर्द किसी पुरुष के द्वारा ही दिया जाएगा यह ऐसा कार्य है। जो कभी ना कभी लड़कियों को इस दर्द को महसूस करना पड़ता है। अगर यह शारीरिक संबंध पुरुषों से नहीं बनाएंगे तो फिर कौन बनाएगा। इसलिए यह दर्द सहन करना जरूरी भी है पुरुषों के साथ लगातार तीन चार बार शारीरिक संबंध बनाने से यह दर्द बाद में नहीं होता है।
मासिक धर्म( पीरियड्स) मैं भी लड़कियों को अधिक दर्द होता है
मासिक धर्म पीरियड्स लगभग सभी लड़कियों को आता है। यह महीने में एक बार आता है इसमें भी लड़कियों को काफी दर्द होता है। इसका दर्द भी लड़कियों के लिए असहनीय होता है। लेकिन पीरियड का आना महीने में लगभग जरूरी होता है। अगर पीरियड महीने में या दो महीने में आए तो यह अच्छा नहीं माना जाता है। महीने में सही समय पर मासिक धर्म का होना अनिवार्य है। अगर ऐसा नहीं होता है। तो यह खराबी मानी जाती है।और इसके लिए डॉक्टर से संपर्क भी करना चाहिए।
मासिक धर्म के समय होने वाला दर्द भी लड़कियों को बहुत ही अधिक कष्टकारी होता है। मासिक धर्म से होने वाले दर्द को डिस्मेनोरिया कहां जाता है। यह अधिकतर महिलाओं में सामान्य होता है। और कुछ महिलाओं में अत्यधिक होता है। इससे पेट के निचले हिस्से में दर्द और पूरे शरीर में थकान महसूस होता है। इस समय कुछ महिलाएं जिनको बच्चा चाहिए होता है। वह इस समय को उचित मानती हैं। और यह सही भी है। इस समय संभोग करने से गर्भ का ठहराव लगभग तय होता है। जिन्हें बच्चों की जरूरत होती है। वह इस समय शारीरिक संबंध अवश्य बनाती है। लड़कियों में डिस्मेनोरिया का स्तर उनके शरीर व स्वास्थ्य पर भी निर्भर करता है।
शारीरिक संबंध बनाने के बाद दर्द का होना
लड़कियों में अधिक दर्द कम उम्र या कमजोरी के समय शारीरिक संबंध अधिक समय तक बनाने से या बार-बार बनाने से लड़कियों के पेट के निचले हिस्स दर्द होता है। अगर पुरुष के साथ शारीरिक संबंध लड़कियां बनाती है। तो उन्हें अपने शरीर का ध्यान रखना चाहिए।
शारीरिक संबंध बनाते समय मांसपेशियों का असामान्य पोजीशन
शारीरिक संबंध बनाते समय लड़कियों को या ध्यान रखना चाहिए कि उनका शरीर काफी समय तक असामान्य पोजीशन में ना हो असामान्य पोजीशन का मतलब है। गलत तरीके से शारीरिक संबंध बनाना शारीरिक संबंध बनाते समय लड़कियों को अपने शरीर के अनुकूल पोजीशन में होना चाहिए।अगर ऐसा नहीं होता है। तो शारीरिक संबंध बनाने से भी लड़कियों के पेट में काफी दर्द हो सकता है।
सेक्स के दौरान अगर आपकी पेल्विक या एब्डोमिनल की मांसपेशियों में स्ट्रेन आ जाता है। तो ऐसे में शारीरिक संबंध बनाने के बाद पेट में दर्द या ऐठन हो सकता है। हालांकि घबराने की बात नहीं है। ऐसे दर्द कुछ ही समय में ठीक हो जाते है। इसलिए यह ज्यादा चिंता करने का विषय नहीं है।